तेल परीक्षण प्रयोगशाला (कोलकाता)

आरटीएल कोलकाता की स्थापना सन् 2006 में पूर्वी क्षेत्र के विद्युत शक्ति उपस्कर विनिर्माण उद्योग, ग्राहकों के उपयोगिताओं के परीक्षण प्रमाणीकरण और मूल्यांकन आवश्यकताओं की पूर्त्ती के उद्देश्य से की गई है। यह इस क्षेत्र में विभिन्न ग्राहकों से साथ सीपीआरआई की एक संपर्क इकाई के रूप में कार्य करता है और उनके परीक्षण आवश्यकताओं का समन्वय भी करता हैं जो आरटीएल कलकत्ता के दायरे से बाहर हैं लेकिन बेंगलूर और सीपीआरआई के अन्य एककों की क्षमताओं के भीतर हैं। प्रयोगशाला में उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग अनुसंधान एवं परामर्श गतिविधियों में भी करते हैं |

सुविधाएँ:

आई एस 1866-2017 के अनुसार विद्युत परिणामित्र में विद्युतरोधी तेल का परीक्षण और प्रमाणीकरण संपन्न करने की सुविधाओं से प्रयोगशाला से लैस है। परिणामित्र के आंतरिक स्थिति आकलन के लिए आर टी एल कोलकाता में विद्युत परिणामित्र के विलीन गैस विश्लेषण (डीजीए), एक महत्वपूर्ण नैदानिक टूल उपलब्ध है। प्रयोगशाला में डीजीए, फुरान विश्लेषण, विद्युत सामर्थ्य, अनुमापन, फ्लैश बिंदु , बहाव बिंदु , निहित जल , टैन डेल्टा, प्रतिरोधकता आदि परीक्षण सुविधाएं उपलब्ध हैं। उच्च निष्पादन द्रव वर्णलेखिकी (एचपीएलसी) एक और महत्वपूर्ण नैदानिक टूल है जो विद्युत परिणामित्र के ठोस विद्युत रोधन की अवस्था को निर्धारित करने के लिए फरफ्यूरल अंश का मूल्यांकन करते हैं।

विलीन गैस विश्लेषण :

केंद्र को परिणामित्र तेल के विलीन गैस विश्लेषण में विशेषज्ञता प्राप्त है जो विद्युत परिणामित्र के आतंरिक स्थिति का आकलन के लिए सशक्त निदानार्थ तकनीकी है। प्रतिवर्ष 1000 से अधिक परिणामितत्रों के आतंरिक स्थिति का आकलन विलीन गैस विश्लेषण द्वारा किया जाता है और 10% से अधिक परिणामित्रों को नष्ट होने से बचाया गया हैं। इस परीक्षण में परिणामित्रों के निवारक अनुरक्षण शामिल है।

फ्यूरेन विश्लेषण:

प्रयोगशाला में फ्यूरेनिक आमिश्रों के मापन की सुविधा उपलब्ध है। ये आमिश्र विद्युत उपकरणों के ठोस विद्युतरोधन प्रणाली में प्रयुक्त सेलूलोसिक सामग्री के अपचयन से उत्पन्न होती हैं। तेल में घुलनशील फ्यूरेनिक मिश्र काफी मात्रा में विद्युतरोधी द्रव में चले जाते हैं। तेल में फ्यूरेनिक मिश्र की सांद्रता में उच्च सांद्रता या असामान्य वृद्धि कालप्रभावन या प्रारंभिक दोष स्थिति से सेलूलोस अपचयन का संकेत दे सकते हैं । फ़्यूरेनिक आमिश्रों के परीक्षण का उपयोग तेल विश्लेषण में विलीन गैस के पूरक के रुप में किया जा सकता है।

पॉलीक्लोरीनेटेड बाइफिनाइल्स (पीसीबी):

इस प्रयोगशाला में पॉलीक्लोराइनेटेड बाइफिनाइल (पीसीबी) जो विद्युत और तापीय दोनों गुणधर्मों वाले संश्लिष्ट (सिंथेटिक) क्लोरीन युक्त सुगंधित हाइड्रोकार्बन हैं, को मापने के लिए भी सुविधा समाविष्ट है। उत्कृष्ट रासायनिक गुणधर्मों के साथ इन गुणधर्मों को जोडने पर उन्हे द्रव विद्युतरोधी सामग्री के रूप में उपयोगी बनाते हैं। हालांकि उनकी रासायनिक स्थिरता और जैव निम्नीकरण का प्रतिरोध पर्यावरण प्रदूषण के मामले में चिंता का कारण बना गया है। आईएस 1866:2017 के अनुसार, नया परिणामित्र तेल पीसीबी से मुक्त होना चाहिए।

प्रयोगशाला में उपलब्ध उपकरण हैं:

  •  उच्च निष्पादन द्रव क्रोमैटोग्राफी (एचपीएलसी)
  • ऑटो सैंपलर हेड स्पेस के साथ गैस क्रोमैटोग्राफ
  • स्वचालित भंजन वोल्टता परीक्षक
  • ऑटो टाइट्रेटर
  • नमी विश्लेषक
  • स्वचालित फ्लैश बिंदु उपकरण
  • इंटरफेसियल टेन्सियोमीटर
  • टैन डेल्टा और विशिष्ट प्रतिरोध ब्रिज
  • स्वचालित बहाव बिंदु उपकरण
  • ऑक्सीकरण स्थिरता उपकरण
  • स्वचालित कण काउंटर और आमापक
  • पीसीबी विश्लेषण के लिए ईसीडी के साथ गैस क्रोमैटोग्राफ

Contact Details

डॉ प्रभात कुमार मैती
संयुक्त निदेशक (एकक प्रधान)
क्षेत्रीय परीक्षण प्रयोगशाला (आरटीएल), कोलकाता
टेली: 033-64511887,
मोबाइल: +91 9831124456
ईमेल: rtlkolkata@cpri.in / maiti@cpri.in

Submit Query