निधीयन:
आई एच आर डी और आरएसओपी योजना के तहत स्वीकृत परियोजनाओं को पूरी तरह से विद्युत मंत्रालय द्वारा निधिबद्ध है । यह प्रत्याशित है कि एनपीपी योजना के तहत परियोजनाओं को विद्युत मंत्रालय द्वारा 50% और एक सहयोगी उद्योग द्वारा 50% निधिबद्ध किया जाएगा।
परियोजना के वित्तीय परिव्यय का अंश
परियोजना प्रस्ताव जैसे उपस्कर, मापयंत्र, यात्रा, परामर्श, अस्थायी अनुसंधान स्टाफ का भाडा प्रभार, बंधा खर्च तथा विविध एवं प्रासंगिक, से संबंधित व्यय परियोजना की लागत में शामिल किया जा सकता है। सामान्यतः 10% के दर पर ऊपरी प्रभार परियोजना की लागत में शामिल कर दिया जाता है। इस योजना के तहत केवल अनुकार अध्ययन करने और महंगे सॉफ्टवेयर पैकेज खरीदने के उद्देश्य से परियोजनाओं को प्रोत्साहित नहीं किया जाता है।
स्थायी अनुसंधान स्टाफ का वेतन अंश शामिल नहीं किया जाता है । तथापि परियोजना की अवधि के लिए अस्थायी अनुसंधान स्टाफ के भाड़े की ओर लागत स्वीकार्य है ।
विशेषज्ञ समीक्षा
सीपीआरआई द्वारा प्राप्त प्रस्तावों को विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के बाहरी कार्यक्षेत्र विशेषज्ञों को भेजा जाता है और महानिदेशक, सीपीआरआई द्वारा नियुक्त तकनीकी समिति द्वारा तकनीकी-आर्थिक मूल्यांकन के लिए प्रस्तुत किया जाता है। वर्तमान में एक विशिष्ट कार्यक्षेत्र से संबंधित चार तकनीकी समितियां हैं 1) पारेषण (ट्रांसमिशन) 2) जनन-ताप ( जनरेशन-थर्मल) 3)जनन-जल (जेनरेशन-हाइड्रो) 4) ग्रिड, वितरण और ऊर्जा संरक्षण।
तकनीकी – आर्थिक मूल्यांकन
विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा किए गए परियोजना प्रस्तावों का मूल्यांकन तकनीकी समिति द्वारा किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता आईआईटी के प्रोफेसरों द्वारा की जाएगी और इसमें उपयोगिताओं और उद्योग से सहभागिता है। मुख्य जांचकर्ताओं को आम तौर पर तकनीकी समिति की बैठकों में अपनी परियोजना का समर्थन करने की आवश्यकता होगी। अनुमोदन के लिए सक्षम प्राधिकारी को प्रस्ताव की सिफारिश करने से पहले समिति तकनीकी-आर्थिक मूल्यांकन करते समय विशेष रूप से परियोजना के प्रदेय पहलुओं और बड़े पैमाने पर उपयोगिता/विद्युत क्षेत्र पर उनके प्रभाव की जांच करेगी।
परियोजना अनुमोदन तथा प्रारंभ:
तकनीकी-आर्थिक मूल्यांकन के बाद तकनीकी समिति द्वारा संस्तुत प्रस्तावों को अनुमोदन के लिए सक्षम प्राधिकारी के पास रखा जाता है। 50 लाख तक के परिव्यय वाले प्रस्तावों के लिए सीपीआरआई के महानिदेशक अनुमोदन प्राधिकारी हैं। अन्य परियोजनाओं का पुनरीक्षण अध्यक्ष, सीईए की अध्यक्षता में अनुसंधान एवं विकास (एससीआरडी) पर स्थायी समिति द्वारा की जाती है। एससीआरडी प्रस्ताव की योग्यता के गहन मूल्यांकन के बाद परियोजना के लिए अनुमोदन प्रदान करता है।
एक बार मंजूरी मिलने के बाद, विद्युत मंत्रालय से औपचारिक मंजूरी और अनुदान जारी करने की मांग की जाएगी। सीपीआरआई और परियोजना कार्यान्वयन संगठन के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद अनुदान की पहली किस्त जारी करने की स्वीकृति की सूचना दी जाएगी।
प्रगति समीक्षा एवं तिमाही प्रगति रिपोर्ट (क्यू पी आर ) :
यह प्रमुख अन्वेषक की जिम्मेदारी होगी कि वह तिमाही की समाप्ति पर एक माह के भीतर प्रत्येक तिमाही के लिए परियोजना की प्रगति (तकनीकी तथा वित्तीय) पेश करें । तिमाही रिपोर्ट पेश करने के लिए पहली तिमाही हर वित्तीय वर्ष के अप्रैल में शुरू होती है । तकनीकी एवं वित्तीय प्रगति पेश करने के लिए क्रमशः निर्धारित फार्मेट में ति प्र रि पेश करना हेगा।
निधि उपयोगिता प्रमाणपत्र (यू सी) :
प्रधान अन्वेषक निधि की समाप्ति के तुरंत बाद जारी की गई राशि के लिए निधि उपयोग प्रमाणपत्र पेश करेंगे । परियोजना के लिए अतिरिक्त धन प्राप्त करने के लिए संतोषजनक तकनीकी प्रगति तथा प्रगति रिपोर्ट तथा उपयोगिता प्रमाणपत्र का प्रस्तुतिकरण परियोजना के लिए आगे की किश्त जारी करने के लिए पूर्व अपेक्षित चीजे है ।
परीयोजना मानीटरन :
अनु एव वि प्रबंधन विभाग ति प्र रि और यूसी के माध्यम से प्रस्तुत आंकड़ों का विश्लेषण करके परियोजनाओं का मानीटरन करता है। परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा बेंगलूरु में तकनीकी समिति या कुछ मामलों में संबंधित जांच संगठनों द्वारा की जाती है।
परियोजना समाप्ति एवं तकनीकी रिपोर्ट :
अन्वेषक अभिकरण एक बार परियोजना समाप्त होने पर तकनीकी समिति के सम्मुख प्रस्तुति पेश करेगा । इससे पहले, सीपीआरआई परियोजना के अंतिम परिणामों की संवीक्षा तथा विश्लेषण करेगा तथा तकनीकी समिति को एक रिपोर्ट पेश करेगा ।
तकनीकी समिति अन्ततः घोषित करती है कि वास्तविक परियोजना प्रस्ताव में यथा निर्धारित निष्कर्षों के साथ परियोजना संपूर्ण हुई ।
प्रचार:
अनुसंधान योजना के भाग के रूप में विकसित प्रौद्योगिकियों/उत्पादों की जानकारी वर्तमान में सीपीआरआई की वेबसाइट पर उपलब्ध है। परियोजना जांचकर्ताओं को ज्ञान के प्रसार के लिए कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
प्रस्ताव कौन प्रस्तुत कर सकता है?
- विद्युत उपयोगिताएँ
- शैक्षणिक संस्थान
- अनुसंधान एवं विकास संस्थान
- निर्माता
इस योजना के तहत सहयोगात्मक प्रस्तावों को भी प्रोत्साहित किया जाता है।
कब और कैसे प्रस्ताव पेश किया जाए?
- अनुसंधान प्रस्ताव वर्ष के दौरान किसी भी समय सीपीआरआई को भेजे जा सकते हैं।
- प्रस्ताव प्रस्तुत करने के प्रारूप और योजना से संबंधित अन्य विवरण संबंधित योजनाओं के तहत सीपीआरआई वेब साइट पर उपलब्ध हैं या प्रधान, अनुसंधान एवं विकास प्रबंधन प्रभाग को लिखकर प्राप्त किया जा सकता है।
- प्रारूप में तैयार प्रस्ताव संबंधित संस्थान के प्रधान के माध्यम से प्रधान, अनुसंधान एवं विकास प्रबंधन प्रभाग सीपीआरआई को प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
- प्रधान अन्वेषक को सामान्य रूप से तकनीकी समिति के प्रस्ताव पर प्रस्तुतिकरण करना आवश्यकता है।
- तकनीकी-आर्थिक मूल्यांकन के लिए तकनीकी समिति की वर्ष में केवल 2-3 बार ही बैठक होती है और अनुमोदन के लिए सक्षम प्राधिकारी को परियोजनाओं की सिफारिश की जाती है।
- तकनीकी समिति की सिफारिशों को प्रधान अन्वेषक को ई-मेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा।
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