भूमिकाएँ एवं उत्तरदायित्व

  • विद्युत आपूर्ति प्रणालियों के जनन, पारेषण, वितरण और प्रचालन के क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को संपन्न करने और प्रायोजित करने के लिए एक राष्ट्रीय विद्युत अनुसंधान संगठन के रूप में कार्य करना।
  • वैद्युत सामग्रियों के मूल्यांकन और विद्युत उपस्कर के निष्पादन के लिए आवश्यक केंद्रीकृत अनुसंधान एवं परीक्षण सुविधाएँ प्रदान करना।
  • भारतीय विद्युत प्रणालियों में प्रचलित परिस्थितियों में उपयोग के लिए गुणतायुक्त उपस्कर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निर्धारण एवं निष्पादन के प्रमाणीकरण के प्रयोजन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर परीक्षण एवं प्रमाणन प्राधिकारी के रूप में कार्य करना ।
  • विद्युत शक्ति के क्षेत्र में अनु एवं वि आरंभ तथा समन्वित करने के लिए शीर्ष निकाय के रूप मे कार्य करना ।
  • भारतीय परिस्थितियों में विभिन्न उपस्करों के प्रचालन के लिए मानकों के लिए मानदंड विकसित करना और राष्ट्रीय मानक विनिर्देशनों के प्रतिपादन में सक्रिय रूप से भाग लेना।
  • मूल और अनुप्रयुक्त अनुसंधान के क्षेत्र मे समस्याओं को पहचानना और आंतरिक अकादमी संस्थाओं में ऐसे अध्ययनों की व्यस्था करना।
  • विभिन्न राज्य विद्युत बोर्डों एवं उपयोगिताओं के अनुसंधान एवं विकास क्रियाकलापों को समन्वित करना और विद्युत प्रणाली और / या ​विद्युत उपस्करों से संबंधित अन्य अनुसंधानरत संस्थानों से संपर्क स्थापित करना।
  • विद्युत इंजीनियरी के क्षेत्र में सूचना एक​त्रित करना प्रलेखन का अनुरक्षण करना और संस्थान  के उद्देश्यों के प्रोत्साहन में साहयक लेख, प​त्रिका या रिपोर्ट के प्रकाशन का कार्य संपन्न करना।
  • देश में विद्युत विकास के उद्देश्य से आविष्कारों अथवा खोजों को सुधारने के लिए प्रयोग संचालित करने तथा वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय शोध को बढ़ावा देने के लिए प्रयोगशालाओं, कार्यशालाओं तथा अन्य सुविधाओं का संस्थापन, अनुरक्षण तथा प्रबंधन।
  • किसी भी उद्यम या संस्था अथवा व्यक्ति या व्यक्तियों के साथ समझौता करना और उन्हें समाज के अनुसंधान और विकास कार्यक्रम संपन्न करने के लिए धन प्रदान करना।